*तैयारी / सभी पंचायत के सरकारी भवनों में लगेगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम*

*तैयारी / सभी पंचायत के सरकारी भवनों में लगेगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम*

*ग्रामीण विकास विभाग ने भू-जलस्तर बढ़ाने की बनाई योजना*

*1000 वर्गफीट की छत से बचा सकते हैं 3 लाख लीटर वर्षा जल*

*2222 लोगों को इस प्रयास से मिल सकता है जरूरत का पानी*


रांची. जल है तो कल है... इसी सोच के साथ ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य में जल संरक्षण की पहल की है। इसके तहत वर्षा जल की बर्बादी रोकने के लिए अब प्रखंड व पंचायत स्तरीय सरकारी भवनों में रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की योजना बनाई है। राज्य की भौगोलिक संरचना पठारी होने की वजह से वर्षा का अधिकांश जल यूहीं बहकर बर्बाद हो जाता है। इससे पर्याप्त भू-जल रिचार्ज नहीं हो पाता है। इस वजह से अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी भू-जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है।

अकसर गर्मी के मौसम में जलसंकट के कारण लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। आने वाली गर्मी में ऐसी स्थिति न हो इसे ध्यान में रखते हुए ग्रामीण विकास विभाग ने निर्णय लिया है कि प्रखंड भवन, हाई स्कूल के भवन, पंचायत भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी भवन आदि में रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा। 1000 वर्गफीट की छत पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर मानसून का 3 लाख लीटर पानी बचा सकते हैं।

प्राक्कलन तैयार कर सभी उपायुक्तों को भेजा गया
यह कार्य वित्त आयोग की राशि अथवा जिले में उपलब्ध अन्य यूनाइटेड फंड व मनरेगा योजना के तहत किया जाएगा। योजना के लागू करने में श्रम के मद में जो खर्च होगा, वह मनरेगा योजना से और सामग्री मद में जो राशि खर्च होगी उसे अन्य योजनाओं से पूरा किया जाएगा। इसके लिए 1000 स्क्वायर फीट की छत के लिए एक प्राक्कलन भी तैयार कर सभी जिले के उपायुक्तों को भेजा गया है। छत का क्षेत्रफल 1000 वर्ग फीट से कम या अधिक होने की स्थिति में संबंधित स्थल पर विशिष्ट प्राक्कलन का निर्माण करने की छूट दी गई है।

*ग्रामीण विभाग की सचिव ने कहा... इसी वर्ष से अभियान चलाकर लगाएं सिस्टम*

ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत एवं प्रखंड स्तरीय सरकारी भवनों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने राज्य के सभी उपायुक्तों एवं सभी उप विकास आयुक्त जिला कार्यक्रम समन्वयकों को आवश्यक निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि सभी उपायुक्त या उप विकास आयुक्त इस दिशा में एक अभियान चलाकर सभी प्रखंड व पंचायत स्तरीय सरकारी भवनों में रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएं ताकि वर्तमान वर्षा ऋतु का पूरा लाभ उठाया जा सके।

*वर्षा जल का स्वच्छ तरीके से होगा जमा*

झारखंड में औसतन हर साल 1251 मिलीमीटर बारिश होती है, बावजूद इसके प्रत्येक वर्ष गर्मी के मौसम में जलसंकट की स्थिति रहती है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने की तैयारी है। ताकि वर्षा जल को स्वच्छ तरीके से जमा कर उन स्थलों के भू-जलस्तर को रिचार्ज किया जा सके। इसके लिए बनाए गए रिचार्ज पिट का व्यास 6 फीट एवं 6 फीट गहरा जालीनुमा ईंट जोड़ाई का कार्य करना है। रिचार्ज पिट में वर्षा जल को फिल्टर करने के लिए ग्रेवल के टुकड़े का उपयोग 3 फीट गहराई में किया गया है। वर्षा जल को छत से रिचार्ज पिट तक पहुंचाने के लिए 10 मीटर पीवीसी पाइप लगाया जाएगा।

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